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Preeti Sharma "ASEEM"

Classics

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Preeti Sharma "ASEEM"

Classics

नीति-अनीति-कुनीति

नीति-अनीति-कुनीति

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नीति को अपना कर ही।

पूर्ण होते काज।।

अनीति तो कर रही।

सबका बंटाधार।।


नीति-अनीति में,

जो अंतर न कर पायें।

वो समाज जीवन में,

कुरीति ग्रस्त हो जायें।


नीति से समाज में,

सबका हो कल्याण।

अनीति-कुरीति का,

जब हो दमन।

जीवन हो खुशहाल।


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