नीति-अनीति-कुनीति
नीति-अनीति-कुनीति
नीति को अपना कर ही।
पूर्ण होते काज।।
अनीति तो कर रही।
सबका बंटाधार।।
नीति-अनीति में,
जो अंतर न कर पायें।
वो समाज जीवन में,
कुरीति ग्रस्त हो जायें।
नीति से समाज में,
सबका हो कल्याण।
अनीति-कुरीति का,
जब हो दमन।
जीवन हो खुशहाल।