कुछ ऐसे
कुछ ऐसे
आना तुम मेरे जीवन में ऐसे,
जैसे सुबह ताजी हवा आती है,
आके बस जाना तुम मेरे जीवन में कुछ ऐसे,
जैसे मंदिर को धूप महकाती है,
मचल जाना तुम मेरे दिल में कुछ ऐसे,
जैसे नदियां पर्वत से उतर मचल जाती है,
कभी दूरी बनानी हो तो बनाना ऐसे,
जैसे चंद्रमा दूर होकर भी,
धरती का साथ नहीं छोड़ जाती है।