दुनिया अब कितनी आबाद है।
दुनिया अब कितनी आबाद है।
साफ है आकाश,
नदियों-झरनों का भी,
देखो अब स्वच्छता से
संवाद है,
गूंज उठी है चहचहाट,
देखो मद्धम-मद्धम चलती हवा में,
अब जीवन का एहसास है,
झूम उठे है पेड़ फिर से,
पशु भी अब आज़ाद है,
ना धर्म है ना अब कोई
जात है,
जब से कैद हुए है,
घरों में हम इंसान देखो,
दुनिया कितनी आबाद है…
दुनिया कितनी आबाद है।