दुनिया की परवाह ना कर
दुनिया की परवाह ना कर
दिल मे है चाह अगर,
तू दुनिया की परवाह ना कर,
उठा पतवार खींच पाल,
तू सागर को निर्भीक पार कर।
कौन संग आया था तेरे,
जो तेरे संग जाएगा,
मन मे खोट,
जुबां पर मुस्कान रख।
बस तुझे वो राह भटकाएगा,
झूठे बंधनों के जंजीरों में,
ना कभी बंधना तू,
भीड़ में शामिल हो।
भेड़ की चाल ना चलना तू,
हे नारी ! तुझसे ही तो दुनिया है,
इस दुनिया की परवाह ना करना तू।