दीदार
दीदार
रातें आज भी नहीं कटती
तेरे दीदार बिना
उम्रे आज भी नहीं गुजरती
तेरे दीदार बिना
दिल आज भी नहीं खुश
तेरे दीदार बिना
महफ़िलें आज भी नहीं आबाद
तेरे दीदार बिना
नजरें आज भी नहीं भरती
तेरे दीदार बिना
आरजू आज भी नहीं मिटती
तेरे दीदार बिना
चिराग आज भी नहीं जलते
तेरे दीदार बिना
बेताबी आज भी नहीं रुकती
तेरे दीदार बिना
उम्मीद आज भी नहीं टूटती
तेरे दीदार बिना
सीरत आज भी नहीं बदलती
तेरे दीदार बिना।

