अकेला हो गया हूँ
अकेला हो गया हूँ
मैं अकेला हो गया हूँ
इस निष्ठुर संसार से
मोह-माया के जाल से
देखता हूँ दूर-दूर तक
कोई नही है साथ मेरे
अपनो से भी दूर हूँ
स्वयं का प्रतिरूप हूँ
कीमत नही कुछ मेरी
फिर भी मै अनमोल हूँ
मैं अकेला हो गया हूँ
इस निष्ठुर संसार से
मिलता हूँ जब खुद से
अन्त:मन को टटोलता हूँ
कुछ यादें अब मर चुकी है
मै उनको अब ढूंढता हूँ
मैं अकेला हो गया हूँ
इस निष्ठुर संसार से।