महोब्बत है
महोब्बत है
तेरे होने से अब
मुझे महोब्बत है
तुझमे खोने से
मुझे महोब्बत है
कयामत से कयामत
तक रहेगा हमारा इश्क
मुझे इस ख्याल के होने
से महोब्बत है
बस तेरी खुशियों तक ही
नही है मेरा ये प्रेम
मुझे तेरे दर्द से महोब्बत है
तुझे पा लेना ही चाहत नहीं
मेरे इस पागल दिल की
मुझे तेरे इन्तजार से महोब्बत है
हर लम्हे में शामिल हो मेरे तुम
मुझे उस लम्हे से महोब्बत है
मेरी कविताओ में अक्सर
नजर आते हो सिर्फ तुम
मुझे अल्फाजों से महोब्बत है।