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Subodh Upadhyay

Tragedy

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Subodh Upadhyay

Tragedy

रईसी और मुफलिसी

रईसी और मुफलिसी

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बस इतना सा मुश्किल है जनाब

रईसी और मुफलिसी का फर्क करना।


कोई फटा लिबास पहनता है,

तो कोई फाड कर लिबास बनाता है,


कोई भूखा रहता है खाना न मिलने से,

कोई भूखा रहता है पेट बढ जाने से।


कोई पसीना बहाता है कमाने को,

कोई पसीना बहाता है वजन घटाने को।


किसी के गाल पिचक गये टेंशन की मार से,

किसी ने गाल पिचका लिए सैल्फी के खुमार से।


कोई रिश्तों को खिलौना समझ जज़्बात बता देता है,

कोई समेट कर बिखरे रिश्तों को औकात बता देता है।।



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