बाल वधु विद्या
बाल वधु विद्या
पेंसिल रहन दो हाथों में,
चौका बेलन न थमाओ माँ।
मुझे स्कूल ड्रेस में सजने दो,
घूंघट चुन्नी न ओढ़ाओ माँ।।
ना हाथ रंगो हल्दी मेहंदी से,
इन्हें स्याही से रंग जाने दो माँ।
नींव बनूँगी दो-दो घर की,
पैरों पर खड़ी हो जाने दो माँ।।
स्कूल के जूते मोजे दिलवा दो माँ,
पायल-महावर के खूँटे से न बांधो माँ।
नन्हीं चिड़िया मैं उड़ना चाहूँ,
सपनों के पंख फैलाने दो माँ।।
बस्ते का बोझ उठा लूँगी,
रिश्ते कैसे संभालूँगी माँ।
भाभी-बहु अभी नहीं बनना,
डॉक्टर इंजीनियर बन जाने दो माँ।।
विवाह के मंगल गीत न गाओ,
खुद समझो और सबको समझा दो माँ।
क ख ग,A B C के सुर से प्रेम मुझे,
पढ़ लिख आगे बढ़ जाने दो माँ।।