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Rajeev Tripathi

Tragedy

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Rajeev Tripathi

Tragedy

इच्छा मृत्यु

इच्छा मृत्यु

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जिस वक़्त यह समझेंगे कि

हमारी किसी को ज़रूरत नहीं

उस दिन होगी इच्छा मृत्यु

देह की ज़रूरत नहीं 

इल्ज़ाम लगाने वाले तो

इल्ज़ाम लगाकर मानेंगे

जब स्वार्थ पूर्ति उनकी नहीं होगी

फिर मृत्यु मेरी अटल होगी

किस तरह के रिश्ते हैं

जिसमें मन का ही मान नहीं

जो जुबां को पकड़े बैठे हैं

जब होंगे हम स्वीकार नहीं

उस दिन होगी इच्छा मृत्यु

देह की ज़रूरत नहीं

यह अपने कैसे अपने हैं

जो मान नहीं देते रिश्ते

बेगानों से मिलकर वार करें

पल-पल मरते रहने का 

उनको किंचित भी भान नहीं

जिस वक़्त यह समझेंगे कि

हमारी किसी को ज़रूरत नहीं

उस दिन होगी इच्छा मृत्यु

देह की ज़रूरत नहीं।


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