मेरी माँ
मेरी माँ
बचपन में माँ कहती थी बिल्ली रास्ता काटे,
तो बुरा होता है रुक जाना चाहिए।
मैं आज भी रुक जाता हूँ,
कोई बात है जो डरा देती है मुझे
यकीन मानो, मैं पुराने ख्याल वाला नहीं हूँ,
मैं शगुन-अपशगुन को भी नहीं मानता।
मैं माँ को मानता हूँ,
मैं माँ को मानता हूँ।
दही खाने की आदत मेरी गयी नहीं आज तक
माँ कहती थी घर से दही खाकर निकलो तो शुभ होता है,
मैं आज भी हर सुबह दही खाकर निकलता हूँ।
मैं शगुन-अपशगुन को भी नहीं मानता,
मैं माँ को मानता हूँ,
मैं माँ को मानता हूँ।
जादू, टोने, टोटके पर मैं यकीन नहीं करता हूँ,
बचपन में माँ कहती थी कुछ होते हैं,
खुशियों में सताने वाले
यकीन मानो, मैं पुराने ख्याल वाला नहीं हूँ,
मैं शगुन-अपशगुन को भी नहीं मानता।
मैं माँ को मानता हूँ,
मैं माँ को मानता हूँ।
मैंने भगवान को भी नहीं देखा जमीं पर,
मैंने अल्लाह को भी नहीं देखा।
लोग कहते है, नास्तिक हूँ मैं,
मैं किसी भगवान को नहीं मानता
लेकिन माँ को मानता हूँ,
मैं माँ को मानता हूँ।