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Harat Kumar

Classics

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Harat Kumar

Classics

एक हजारों में मेरी बहना है

एक हजारों में मेरी बहना है

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फूलों के जैसी मुस्कान सी है,

वह सुरों में पिरोई हुई राग सी है,

एक हजारों में मेरी प्यारी बहना है।।


रिश्तों की एक अलग पहचान सी है,

उसके आने से महक उठा घर आँगन,

पांव में पहने घुंघरूओं की मीठी आवाज सी है।।


बागों में उड़ती तितली सी है,

जुगनू की तरह चमकने वाली चमक सी है,

एक हजारों में मेरी प्यारी बहना है।।


तारों से भी ज्यादा चमकने वाली,

परियों की रानी है वो,

एक हजारों में मेरी प्यारी बहना है।।


सावन में बरसात की तरह,

बागो में फूलों की तरह,

एक हजारों में मेरी प्यारी बहना है।।


अपनी मीठी मीठी बातों से मुझे मनाने वाली,

एक भोली से गुड़िया की तरह,

एक हजारों में मेरी प्यारी बहना है।।  


माँ से बढ़कर ख्याल रखने वाली,

एक साथी और दोस्त है वो,

एक हजारों में मेरी बहना है।।


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