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Hardik Mahajan Hardik

Tragedy Inspirational

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Hardik Mahajan Hardik

Tragedy Inspirational

बदल रहा हर वक्त

बदल रहा हर वक्त

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बदल रहा हर वक्त का वक्त है या, 

तन्हा-तन्हा कटता चला जा रहा।

डायरी के हर पन्नों में वक्त बदलता,

ये वक्त यूँ ही तन्हा कटता जा रहा। 


तिमिर-तिमिर कर भावनाओं से,

विचारों में उलझता चला जा रहा।  

हर घड़ी बदलता भावनाएँ वक्त पे,

वक्त तन्हा अब यह कटता जा रहा। 


समय निश्चित हर वक्त का वक्त से,

हर पल हर वक्त बदलता जा रहा।  

भावों को पन्नों में उकेरता जीवन,

वक्त तन्हा ये अब चला जा रहा। 


हर दिन हर पल कटता वक्त सभी,

हर पल हर दिन सुनाता जा रहा।

डायरी के पन्नों में उकेरता हार्दिक,

देख यह वक्त आज़माता जा रहा।


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