काश! ऐसी कोई जगह हो
काश! ऐसी कोई जगह हो
काश ! ऐसी कोई जगह हो जहां पर,
दिल को थोड़ा सा सुकून मिल जाए।
बेचैन बनी इस दुनिया में कभी आखिर,
दिल का चैन कहीं तो मिल जाए।
झूठ की है ये सारी दुनिया ही,
काश! कहीं तो सच नज़र आए।
टूटे दिलों को आपस में जो जोड़ दे,
ऐसा कोई तो दिल मिल जाए।
मतलब का है यहां पे हर कोई इंसां,
काश! बेमतलब का कोई इंसां तो मिल जाए।
ज़ख्मों पे थोड़ा सा जो मरहम लगाए,
ऐसा कोई तो मीत मिल जाए।
मन में सब के बसा है घोर अंधेरा।
काश! कहीं तो रोशनी की किरण नज़र आए।
दिलों में सबके जो रोशनी फैला दे,
ऐसा कोई दीप कहीं तो जल जाए।
चोट पहुंचाता है आज हर कोई रिश्ता,
काश! कोई सच्चा रिश्ता यहां मिल जाए।
दिल में छुपे दर्द को भी जो समझे,
ऐसा कोई हमदर्द तो कहीं मिल जाए।