मर्यादा
मर्यादा
हर मन में संघर्ष है,
उन्हें अपनों से ही विमर्श है।
कहीं पाने की अकुलाहट है,
तो, कहीं खोने पर भी जश्न है।
यहाँ अस्तित्व का संकट है,
वहाँ अस्मिता भी वीभत्स है।
कहीं द्रौपदी का उपहास है,
तो ,कहीं सीता का वनवास है।
वासना के मोहजाल में
मर्यादा भी शर्मसार है।
