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minni mishra

Romance Tragedy

3  

minni mishra

Romance Tragedy

दर्द

दर्द

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जला डाली उस घोंसले को

जिसमें वर्षों साथ बिताया 

पर, बिखरे राख पर 

जब नज़र गई ...

झट समेट कर उठा लायी

मैं उसे नम आँखों से 

फिर ताबीज़ बनाया... 

सीने से लगाया 

आखिर, ये दर्द ...

अपना ही...किसी नासमझ 

 अपनों का दिया है !

          


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