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Subodh Upadhyay

Drama

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Subodh Upadhyay

Drama

उदास लगती है

उदास लगती है

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उसका मेरा रिश्ता कुछ भी नहीं

फिर भी खास लगती है

वो दूर हो कर भी मुझको पास लगती है

वो एक अजनबी सी है मेरे लिए मगर

जब मैं उदास होता हूं तो वो भी उदास लगती है।


उसके यूं चले जाने का गम सहा ना गया

बिन उसके अकेले में रहा ना गया

मोहब्बत उसको भी उतनी ही थी मुझ से

लेकिन जमाने के डर से उससे ये कहा न गया। 


मुश्किल वक्त में भी मैं मुस्कराता हूं,

अपनी ही नुमाइस कर लोगों को हँसाता हूँ, 

लोग हंसते हैं किसी के मुकद्दर के खेलों पर

मैं सिसक कर भी सब के दुखड़े लिखता हूँ।


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