Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Moumita Bagchi

Tragedy

3  

Moumita Bagchi

Tragedy

पुरुषवाद के खिलाफ

पुरुषवाद के खिलाफ

1 min
281



हिन्दुस्तानी औरतें

संघर्षरत हैं नित्य

पुरुषवाद के खिलाफ

घर के अंदर हो अथवा बाहर!

शायद इसीलिए

उन पर लगा दिया जाता है

कभी कभी लेबॅल नारीवाद का।

ये औरतें पर

पुरुष मात्र के खिलाफ नहीं हैं

वे ही तो हैं उनका सर्जक

रक्षक, पालक, प्रेम,

खुशी और अहंकार ।

बहुत कम लोग समझते हैं

इस बात को मगर

कि इन औरतों का जंग

है केवल

उस एक भावना के खिलाफ,

जो नारी को ठहराती है हीन,

अकर्मण्य, अस्पृश्य , दीन,

और भी बहुत कुछ।

शताब्दियों से ही झेल रही हैं नारियाँ--

इसी पुरुषवादी विचारधारा का दंश।

पर क्या दबा दी जाती रही हैं जो

घर के अंधेरेतम कोने में,

वंचित है जो सदियों से

मानवता के 

सामान्यतम अधिकारों से,

उन्हें क्या प्रतिवाद करने का

कोई अधिकार नही हैं?



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy