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Author Moumita Bagchi

Tragedy

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Author Moumita Bagchi

Tragedy

पुरुषवाद के खिलाफ

पुरुषवाद के खिलाफ

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हिन्दुस्तानी औरतें

संघर्षरत हैं नित्य

पुरुषवाद के खिलाफ

घर के अंदर हो अथवा बाहर!

शायद इसीलिए

उन पर लगा दिया जाता है

कभी कभी लेबॅल नारीवाद का।

ये औरतें पर

पुरुष मात्र के खिलाफ नहीं हैं

वे ही तो हैं उनका सर्जक

रक्षक, पालक, प्रेम,

खुशी और अहंकार ।

बहुत कम लोग समझते हैं

इस बात को मगर

कि इन औरतों का जंग

है केवल

उस एक भावना के खिलाफ,

जो नारी को ठहराती है हीन,

अकर्मण्य, अस्पृश्य , दीन,

और भी बहुत कुछ।

शताब्दियों से ही झेल रही हैं नारियाँ--

इसी पुरुषवादी विचारधारा का दंश।

पर क्या दबा दी जाती रही हैं जो

घर के अंधेरेतम कोने में,

वंचित है जो सदियों से

मानवता के 

सामान्यतम अधिकारों से,

उन्हें क्या प्रतिवाद करने का

कोई अधिकार नही हैं?



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