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Author Moumita Bagchi

Others

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मेरे कान्हा

मेरे कान्हा

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तुम्हीं हो माता, तो तुम्हीं पिता,

तुम्हीं हो भाग्य, तो तुम्हीं विधाता।।

तुम्हीं हो सारे धर्म, तुम्हीं मेरे ज्ञाता,

तुम्हीं हो रक्षक, तुम्हीं फिर त्राता।।

तुम्हीं हो सकल विद्या, तुम्हीं से समस्त वैभव,

तुम्हीं हो कान्हा, तुम्हीं हारे मधुकैटभ।।

तुम्हीं हो केशव, तो तुम्हीं छलिया,

तुम्हीं जगत् के नाथ, तुम्हीं फिर,कालिया।।

तुम्हारी महिमा अपरंपार,

यह जिह्वा पुकारे तुम्हे ही बारंबार।।



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