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Author Moumita Bagchi

Abstract

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Author Moumita Bagchi

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तेरा इश्क मेरा इश्क

तेरा इश्क मेरा इश्क

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तेरा इश्क समुंदर सा

और मैं उसमें समाई हुई

एक बूंद-सी हूँ।


तेरा इश्क यदि पूरा समाज है,

तो मैं एक नादान- सा इंसान,

उसकी एक इकाई सी हूँ।


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