STORYMIRROR

मृत्यु का आलिंगन

मृत्यु का आलिंगन

1 min
14.6K


दुनियावाले नहीं सोचते,

कि वे क्या कह रहे हैं,

वे नहीं जानते कि,

खुदकुशी करने वाले क्या क्या सहते हैं।


आत्महत्या घोर पाप बताया जाता है,

पर क्या मृत्यु का आलिंगन करनेवाला कलेजा,

यह कहनेवालों के पास पाया जाता है।

सच में, दुनियावाले नहीं सोचते,

कि वे क्या कह रहे हैं।

मरनेवाला तो मर गया,

लेकिन उसके परिवारवाले क्या सह रहे हैं,

उसके दोस्त, सगे-संबंधी किस कष्ट से गुज़र रहे हैं,

दुनिया तो बातें बना देगी,

कि वो था बड़ा बुसदिल।


अरे, ऐ दुनियावालों, तुम क्या जानो,

कितना था वो ज़िंदादिल।

कल ही शाम कि बात थी मानो,

हम साथ में बैठ कर खेलते-कूदते थे,

शतरंज की महफिलें लगती थी,

हसी-ठठ्ठा करते थे।


अब तो मन में बस सवाल घूमते हैं,

"रे तूने यह क्या कर लिया रे ?

तूने यह सब क्यों कर लिया रे, क्यों कर लिया रे ?"

तेरे अंतःकरण में क्या दर्द था,

तेरे अंतःकरण में क्या व्यथा थी,

शायद हमें कभी पता न चले ;

पर दिल से यही दुआ है,

तू जहां भी रहे,

खुश रहे और फूले फले।


अब तो फर्क भी नहीं पड़ता

दुनिया वाले क्या सोचते हैं, क्या नहीं ;

जब तूने नहीं सोचा कि, हम पर क्या बीतेगी,

तो क्या लगते हैं वो सभी ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy