वो एक लड़की है
वो एक लड़की है
उसके भी कुछ ख्वाब हैं
जो खिड़कियों से झाँकते है
वो भी आसमान चाहती है
कुछ करके दिखाना चाहती है
फिर उसे याद आता है
वो एक लड़की है
वो अपने अरमान सजाती है
अपनो से रिश्ता निभाती है
आती है जब उसकी बारी
खुद को वो अकेला पाती है
फिर उसे याद आता है
वो एक लड़की है
जिम्मेदारियों में दबकर भी
वो अपनेआप से रुबरु होती है
मिलता है जब उसको मन का मीत
उससे अपनी हर एक बात कहती है
फिर उसे याद आता है
वो एक लड़की है
अपने गम को भूलकर के
महफिल की रौनक बन जाती हैं
आंखो में आँसू होते हैं फिर भी
होठों से हरदम मुस्कुराती है
फिर उसे याद आता है
वो एक लड़की है।