Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Bhavna Thaker

Romance

4  

Bhavna Thaker

Romance

इश्क की आँधी तुम

इश्क की आँधी तुम

1 min
268


अधूरी कविता था मेरी प्रीत का अंबर, तुम्हारी चाहत का संगम पाते सराबोर सरिता सी पूर्ण हो चली हूँ।

तुम्हारी चुम्बन की मदमाती मोहर ने रोशन कर दिया, कितना गहरा अंधेरा छाया था मेरे भाल की चौखट पर। 


तुम्हारी साँसों की ज़ाफ़रानी महक ने जो जादू जगाया, मेरे रेशमी गेसुओं में खुशबू की लड़ियाँ भर गई।

तुम्हारी स्पर्श की भाषा में क्या गजब की कशिश है, पीठ से उठती दहकती आग ने काँधे के तिल में हलचल मचा दी।


वजूद नहीं तुम्हारी शख़्सीयत एक बवंडर है, लिपटते ही तुमसे सोये पड़े मेरे एहसासों ने बगावत जगा दी। 

हो इश्क की आँधी तुम मैं नूर हूँ प्रेम का छलकता, मिलते ही नज़रें दोनों के दिलों ने टूट कर चाहत की लौ जगा दी।


न बुझ सकेगी अब बुझाने से अहल-ए-दुनिया चाहे जो कहे, इससे आगे कुछ नहीं तू मुझमें है मैं तुझ में हूँ। 

साथ जीएंगे साथ मरेंगे यही दिल-ए-तमन्ना, हर तख़्तों ताज से सनम तुम्हारी आगोश की छाँव भली।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance