# यादों के जीने से उतर आता हूं
# यादों के जीने से उतर आता हूं
यादों के जीने से अक्सर उतर आता हूं
तुझको सोचता हूं और बस खो जाता हूं
नहीं रहती है कायम कोई सुध बुध मुझमें
अक्सर तेरी ही यादों में बहक जाता हूँ।
एक एक एहसास मेरे हो जाते हैं जीवंत
यादों के जीने पर ही तुझसे लिपट जाता हूं।
याद आ जाते है वो साथ में बिताए पल
मन हल्का करने को कुछ नीर बहा जाता हूं।
निराला यादों को लपेटकर मैं खो जाता हूँ
तुझको सोचता हूं और सोचता रह जाता हूं।

