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RAHUL NEGI

Romance

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RAHUL NEGI

Romance

ज़िक्र

ज़िक्र

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ज़िक्र तेरा मेरी बातों में होने लगा है

तेरा हर ख्वाब आँखों में रहने लगा है

सोचते हैं हर पल बस अब तेरे ही बारे में

कैसे कहूँ मुझे इश्क़ अब तुझसे होने लगा है

जब देखे वो मुझे आँखें भी मानो शर्मा सी जाती हैं

मेरी हर अदा पर उसका जैसे पहरा सा रहने लगा है

देखूं जब भी आईना मैं अक्स उसका मुझमें दिखने लगा है

रहती हूँ हर वक़्त बस उसके ही ख्यालों में और दिल भी अजब सा धड़कने लगा है.


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