कहो ना
कहो ना
आने वाला कल तो कल आयेगा
तुम अपनी बात आज कहो ना
मैं जो तुमसे कहना चाहूं
तुम काश वो कहो ना।
हम दोनों है आज यहां
कल न जाने हम होंगे कहां
मन के कोने में बैठे मौन को
आज सामने उजागर कर दो ना।
मौन रहना मौत के समान ना हो जाए
मौन में क्षोभ कोई छिपा ना रह जाए
कमियों को दूर करना वाजिब ही तो है
यूं आंखों में नमी कभी भी आने दो ना।
मेरे सामने तुम्हारी आंखें कुछ कह रही है
जो जुबां पर है उसे खुलकर कहो ना
ना कहना तो ना सही पर कहना तो सही
तुम्हें मेरे दिल में रहना है क्या यह बात सही ।
बातों में तुम किसी की मत आना
अपनी राह अपने लिए मत बनाना
वो राह
ही क्या जो सिर्फ अपने लिए हो
अपनी राह पर चले कोई राही भी हो।
राह है कठिन और कंठ अभी अवरूद्ध है
कहना है कुछ तो पर जुबां खामोश है
क्या कुछ होश है या सिर्फ चलने का जोश है
सबकुछ ठीक है या मन पर किसी का जोर है ।
कहना भी कह रहा कह ना
यानी कि जो है जल्द कहना
पल का मौन जन्म भर का हो ही जाता
इस पल में तुम अपना संपूर्ण कहो ना।
आने वाला कल तो कल आयेगा
तुम अपनी बात आज कहो ना
मैं जो तुमसे कहना चाहूं
तुम काश वो कहो ना ।

