नारी - जीवन की पतवारी
नारी - जीवन की पतवारी
नारी तू है जीवन की पतवारी,
जीवन अपनों पर तूने है वारी,
नारी तू है जीवन की पतवारी I
करती है पैदा तू अपनी कोख से जिसे,
हँसना, बोलना चलना सिखाती है उसे,
हर मोड़ पे उसके तू ही बनती है सहारा,
चाहे कल तुझे ही छोड़ दे वो बेसहारा,
नारी तू है जीवन की पतवारी,
जीवन अपनों पर तूने है वारी,
नारी तू है जीवन की पतवारी I
कभी माँ बनकर, कभी बेटी बनकर,
तो कभी बहन, कभी बीबी बनकर,
ज़ीना का हर कृत्य बस तुझे है निभाना,
क्योंकि हँसकर है तुझे हर दुख को झेलना,
नारी तू है जीवन की पतवारी,
जीवन अपनों पर तूने है वारी,
नारी तू है जीवन की पतवारी I
तू जननी और तू ही पालनहार है,
तू माया और तू ही भद्र्काली है,
तू सागर और तू प्रलयकारी है,
तुझी से ही तो अब ये संसार है,
नारी तू है जीवन की पतवारी,
जीवन अपनों पर तूने है वारी,
नारी तू है जीवन की पतवारी I