मुस्कुराएगा इंडिया
मुस्कुराएगा इंडिया
हर वक़्त की कहानी में छुपा इक जज़्बात है
हर नई सोच में शामिल इक ख्वाब है
बदलती शाम और जागती सुबह में
चेहेक्ती सड़कोंं और चाय की टप्री के शोर में
मंदिरों की आरती और त्यौहारों की मस्ती में
मंजिलों के सफर और लंबी छुट्टियों में
फ्राइडे के फर्स्ट शो और मैकडी की टिक्की मे
वीकेंड के तमाशे और पुराने अड्डों की मटर गस्ती में
डेली ऑफिस रूटीन और कैंटीन की घंटों सीटिंग में
अपनों की डांट और दोस्तों की महफ़िल में
क्रिकट के जोश और ओलिंपिक के मेडल में
जय हिन्द के नारे और वन्दे मातरम् के लफ्जो में
बस ये ही ज़िक्र है-"मुस्कुराएगा इंडिया"
जब जीत जाएगा इंडिया।
