STORYMIRROR

Manmeet Arora

Drama Inspirational

1  

Manmeet Arora

Drama Inspirational

लम्हा

लम्हा

1 min
655


हर उस वक़्त की ख्वाहिशों में,

लम्हा यूँ बुना-सा है,

की हर काफिरों की बस्ती में,

शामिल कोई अपना-सा है।


डर लगता है किसी मोड़ पे,

मिल ना जाए कोई यूँ,

की फिर बन जाए उस,

टकरार में अधूरा लम्हा यूँ।


साहित्याला गुण द्या
लॉग इन

Similar hindi poem from Drama