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एक लम्हा ' ज़िंदगी'

एक लम्हा ' ज़िंदगी'

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करूणा से भरे लम्हों में,

त्याग कि एक वाणी है।


सपनों से भरी अंखियों मैं,

उड़ान की ही ज़ुबानी है।


वक्त की गोद में,

सुहानी सी एक कहानी है।


हर लम्हा यूं तराशा सा है,

बस किस्मत की मनमानी है।


प्यार के तजुर्बे में,

दिल की जवानी है।


चार दिन की सुहानी धूप,

फिर वही मनचाही छेड़खानी है।


चाहे तो अपना लो इसे यूँ,

कि जिंदगी की बोली में

फिर एक अनकही रवानी है।।


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