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Ms SUDHA PANDA

Abstract Fantasy

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Ms SUDHA PANDA

Abstract Fantasy

father's day

father's day

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विषय - पिता


ईश रूप में हैं पिता, जिनके हम संतान।

जीवन सारा पूर्ण कर , बच्चों के अरमान।।


बच्चों की सुख-शांति को, करें मेहनत खूब।

रहें संघर्षरत स्वयं, हमें चलाये दूब।।


माँ जननी है तो पिता, जीवन के आधार।

माँ धरती तो हैं पिता, स्वप्न करें साकार ।।


मातु धरणी तो अर्श हैं, बनें पिता नित ढाल।

पालन कर संतान का, मात-पिता के ताल।।


माँ मिसाल है तो सदा, रहते पिता विमर्श।

बनी रहे उनकी सदा, वरद हस्त का स्पर्श।।


मात-पिता बिन रिक्त सब, खाली है संसार।

रोज बुलाते थे 'सुधा', अब सूना घर बार।। 



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