STORYMIRROR

बेज़ुबानशायर 143

Inspirational

4  

बेज़ुबानशायर 143

Inspirational

नव पीढ़ी

नव पीढ़ी

1 min
258


समय के झंझावात को झार कर,

आगे बढ़ती पीढ़ियां।

नव कहानी लिख देश का,

करती गौरव गान।


देश समाज खुद परिवार,

के लिए करने की ठानी।

पुरानी लकीरे जो अंधविश्वासी है,

छोड़ आगे बढ़ी।


सनातन संस्कारों को साथ लिए,

इनके नाम और काम से गर्व से सीना तना।

कुछ अधर्मियों को छोड़,

नव पीडी मानवता का पाठ पढ़ा रही।


नए खून में नया जोश,

सार्थक कामों में दिखा रही।

काम के तरीके लगन और निष्ठा ने,

 देश के विकास में योगदान दिया।


प्रकृति बचाने पर भी दृढ़ रहती,

मन के कोमल भाव समझती।

इनके हाथों देश सुरक्षित,

भारत माता गर्व करती है रक्षित।


किसी भी क्षेत्र में काम करती ,

 नव पीढ़ी देश का है नाम करती।




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational