प्यार बहन भाई का कायम, रहे ये थी दरकार। प्यार बहन भाई का कायम, रहे ये थी दरकार।
जिंदगी मैं जीते चला, धीरे-धीरे गाँव की माटी को मैं भूलता चला, जिंदगी मैं जीते चला, धीरे-धीरे गाँव की माटी को मैं भूलता चला,
आज रामनवमी है आइए! इसे भी औपचारिक बनाते हैं। आज रामनवमी है आइए! इसे भी औपचारिक बनाते हैं।