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Seema Gupta

Inspirational

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Seema Gupta

Inspirational

-मैं हूं नारी

-मैं हूं नारी

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चुलबुले बचपन से लेकर

बुढ़ापे की अवस्था तक

स्त्री सब पीड़ा सह लेती है

और सभी को सारे सुख देती है

खुद गम के आंसू पी लेती है

औरों के लिए हमेशा मुस्कुराती रहती है

खुद टूट कर भी संभालती है

अपनी ताकत से परिवार को संबल देती है

भारतीय नारी रंगीन और रंगहीन जीवन के

दोनों पक्षों को हंस कर जी लेती है

अपनों को खिलखिलाने और मुस्कुराने का

हुनर न जाने कहां से लाती है

सचमुच स्त्री ही रंगों का संसार रखती है,

होली का त्यौहार स्त्री की मुस्कान है,

दीवाली के दीपों की कतार स्त्री तप का सार है

तभी तो यह हंसता खेलता जहान है,

 समर्पण स्त्री जीवन की एक पहचान है।



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