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Seema Gupta

Romance

4  

Seema Gupta

Romance

संग तुम हो

संग तुम हो

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जब जीवन में मिलन अचानक हो,

वाद संवाद और कथानक मधुर हो,

 नेह एहसास सनी जज्बाती बातें हो।


आलिंगन भरी प्यारी वो मुलाकाते हो,

दिल के उपवन में प्रीत वो न्यारी हो ,

मन में समझ सुशील सुमन महक हो।


लरजते होठ निःशब्द स्पन्दित वचन हो,

प्यार के स्वच्छंद खिले चारू चमन हो,

दिखे तुम संग सुंदर जग वो नयन हो।


 जीवन मर्यादा में रह बहता मन हो,

अदृश्य बहे समुद्जग में पाक पवन हो,

मेरी सुहानी जीवन की कलम हो।


लिखूं गीत मधुर मम श्याम कृष्ण हो,

संग चले हर कदम मीत मेरा रमण हो

विश्वास प्रेम और सामंजस्य,सयंम हो।


सुख दुख के साथी हर सत्य वचन हो,

शिव से तुम बने मै समझ उमा रमण हो,

परिणय सूत्र बंधन बंध वधू मैं और तुम कन्त हो।


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