तू दौड़ता चल
तू दौड़ता चल
अंधरे को चीर कर
हिम्मतो को बांध कर
रास्ता तू पार कर
दौड़ता चल ......
मुश्किलो को रोंद कर
मंजील पर ध्यान कर
हौसला तू बुलंद कर
दौड़ता चल. .....
पंखों में तू उडान भर
देख जरा गगन छू कर
मन का भगा ङर
दौड़ता चल. ......
तेरी दहाङ से
मचा दे उथल पूथल
जीत का जूनन,
उम्मीद संग लिए चल
दौड़ता चल. .....
झरनों सा पत्थरों
को चीर कर
रास्ते मे है कंकर
यदी पावो पर पङे छाले
फुल समझ के चल
तेरी मंजील संमदर
तू दौड़ता चल . ....
बस दौड़ता चल. ..
