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Saroj Garg

Abstract Inspirational

4  

Saroj Garg

Abstract Inspirational

चमको बनकर तारे

चमको बनकर तारे

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अतिमाय छंद 


राम नाम की माला ,जपना नित संसार में। 

यही नाम तो साँचा, मन के इस पावन प्यार में ।।

चमको बनकर तारे ,नभ तल रूपी नाव में। 

चन्दा चमके ऐसे, नील गगन की इस छाँव में ।।

आज अयोध्या दमके, एक नये से भाव में। राम- नाम है प्यारा, ईश्वर की प्यारी छाँव में ।।

केवल नाम लिया तो, कटते पाप हज़ार हैं। नाम गजामिल लीना ,रघुवर करते पार हैं ।


राम नाम किरपा से,होता बेड़ा पार है ।

राम नाम जो लीना, पापी तारे संसार में ।।



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