STORYMIRROR

Saroj Garg

Inspirational

4  

Saroj Garg

Inspirational

माँ

माँ

1 min
18



माँ ममता का रूप है, जाने सब संसार। 

माँ सी ममता कब मिले,माँ है सुख का सार ।।


काम करे दस हाथ के ,माँ दुर्गा का रूप। 

घर पर आँच न आ सके,बन जाती है भूप ।।


बच्चों की किलकारियाँ ,गूँजे घर परिवार। 

जीवन सबका स्वर्ग सा, सुखी हुआ संसार।।


एक तरफ आफिस चले, एक तरफ घरवार। 

शिकन कभी माथे नहीं , माने कभी न हार।।


आज सफल नारी पढ़े,घर में चलता रूल ।

दफ्तर भी सम्भालती ,चाहे बिछते शूल ।।


माँ है रचना ईश की,निर्मल गंगा धार ।

रोक सका कोई नहीं, चाहे पालनहार ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational