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Ajit Kumar Raut

Abstract

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Ajit Kumar Raut

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अंगड़ाई ली भारत

अंगड़ाई ली भारत

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अंगड़ाई तो ली 

नहीं हो पाया जो कभी 

नहीं सुना सका जो कभी 


न देखा सका था न जाना पाया था 

देखा अब के शासन में 

होते हुए परिवर्तन  

हटते हुए तीन सौ सत्तर 

मिटाते हुए तीन तलाक़ 

भारतवर्ष में !


हजारों वर्ष के सपने साकार होते हुए देखा

दिव्य राम मंदिर इस पापी नेत्र ने देखा

प्राण-प्रतिष्ठा गर्भगृह में

आराध्या प्रभु राम का

बाईस जनवरी 

अयोध्या धाम में !


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