मेरे आराध्य प्रभु राम
मेरे आराध्य प्रभु राम
दे शक्ति प्रभु मुझे,
करुं राष्ट्र सेवा प्रेम प्रीत भक्ति श्रद्धा से
करुं जनकल्याण जन सेव मनुष्य जन्म में
करुं राष्ट्र निर्माण
तन मन धन से !
भर दो शक्ति प्रभु मेरे
अंग अंग में
सत्य अहिंसा धैर्य मंत्र तन्त्र ज्ञान
राष्ट्र हितों में उसे सिंच दूं
हे आराध्य
कर्मज्ञान धर्मज्ञान त्याग बलिदान और करुणा
कर्तव्य पथ में !
सर्वोत्तम सर्वोपरि सर्वोच्च तु राम
कण कण है,
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
शक्ति दे
गृहस्थ धर्म पालन करुं,
पिता माता की सेवा करुं,
गृह में रखूं प्रभु समभाव मन्त्र
करुं अतिथि का सत्कार सम्मान
भक्ति करुं सदा तेरे चरणों में
रहे श्रद्धा
राष्ट्र भक्ति प्रीत इस जीवन में,
रहे प्रेम प्रीत हर जीव प्राणियों में,
प्रभु, दे शक्ति
इस दुर्लभ,
मेरे मनुष्य जीवन में !