तुम्हें चाहूं...
तुम्हें चाहूं...
तुम्हें चाहूं,
या तुम्हें भूला दूं ?
मैं आशिक़ हूं तुम्हारा,
तुम्हारी आशिक़ी के खातिर,
मैं ख़ुद को कौन सी सज़ा दूं ?
दिल में है बहुत कुछ तुमसे बताने को,
कभी मिलोगी हमसे,,
या सारी बातें फोन पर ही बता दूं ?
ये ऑनलाइन की दुनिया बड़ी फिजूल लगती है,
वो जो तीन शब्द मुझे तुमसे कहने हैं,,
मेरी आंखों में देखकर सुनना पसंद करोगी,,,
या मैसेज के ज़रिए ही तुमको पढ़ा दूं ?
