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Ajit Kumar Raut

Abstract

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Ajit Kumar Raut

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तड़पता जीवन विचलित मन

तड़पता जीवन विचलित मन

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निर्मित राम मन्दिर

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा हुआ

तड़पता हुआ जीवन विचलित सा मन 

शान्त हुआ !


राम बाल्य रुप स्थापित होगी 

बाल्य रुप की प्राण-प्रतिष्ठा 

वाइस जनवरी 

दौ हजार चौबीस को

गुंजेगा राम नाम 


पुरे देश

विश्व सारा !!

पांच सौ साल का सपना

हुआ साकार 

हे राम हे राम हे राम

तु तो 


हमें मिल गया मिल गया मिल गया 


अमर तु है सनातन 


अमर ही रहेगा !!


रोक ना सका न रोक पायेगा

जैसे भी हो कुटनीति शत्रुओं का 

राम सत्य है अविनाशी है 

हे राम 

तु मर्यादा पुरुषोत्तम राम है !


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