week - 44 माँ का जादू
week - 44 माँ का जादू
माँ का जादू
माँ को कुछ तो जादू आता है
मैं रूठ जाऊँ तो उसे मनाना आता है
मैं रो जाऊँ तो उसे हँसना आता है
मेरी बक- बक सुन धैर्य से उसे खिलखिलाना आता है
हाँ मेरी माँ को कुछ तो जादू आता है
देती प्यार भरी झप्पी उसे अपना प्यार लुटना आता है
जैसे पेड़ से लिपटी कोई लता एसी उसकी बांहों में सिमट एक सुकून सा मिल जाता है
मेरी परेशानी को चुटकी में समझ बिना बोले मेरे चेहरे के भाव पढ़ना उसे आता है
हाँ मेरी माँ को कुछ तो जादू आता है
ज़्यादा पड़ी लिखी नहीं पर अपने जीवन के अनुभवों से
उसे हर समस्या का समाधान करना उसे आता है
हम भूखे हो तो स्वाद भरा खाना खिलाना,
हम बच्चों के मन में संतोष और ताजगी भरा स्पर्श का एहसास जो दिला जाता है
स्वादिष्ट व्यंजन बनाना माँ का हम सभी के लिए एक तृप्ति मन में हो जाना उसे आता है
हाँ मेरी माँ को कुछ तो जादू आता है
जो भर देती हर घाव को मरहम के लेप से उसे मेरी तकलीफ को हरना आता है
जो भूला देती हर गम को मन में समा जाती,
माँ देती शक्ति जीवन के कठिन मोड़ को सरल समीकरण से उसे सुलझाना आता है
हाँ मेरी माँ को कुछ तो जादू आता है
उसके प्यार भरे हाथों से बालों को सहलाना वो प्यारा स्पर्श
मेरी सारी थकावट को उसे दूर करना उसे आता है
उसका विश्वास और प्यार, उसकी मीठी छुअन,
प्यार भरा आशीर्वाद मुझे मिलना एक ईश्वर रूप को दर्शाता है
हाँ मेरी माँ को कुछ तो जादू आता है
वो माँ जैसे दरख्त की छांव से जीवन मेरा सफल हो जाता है
सदा रहे वो मेरे साथ, मुझे हमेशा दे वो अपना मार्गदर्शन
कठिनाइयों में भी दे मुझे वह सीख, अपने बच्चों को अपने ममता भरे आँचल में रखना उसे आता है
हाँ मेरी माँ को कुछ तो जादू आता है
