week - 40 अमर
week - 40 अमर
दिल की दुआ है यही दमके वतन हमारा
गुलशन सा महके फूलों की खुशबू से सुवासित महक उठे चमन हमारा
अब धरा अपनी गगन हमारा
उन वीर को करे नमन जिन्होंने है प्राणों को अपने है वारा
बड़ी मुश्किल से आजादी है पाई हमने कहे ये वतन हमारा
टूटे ना ये बंधन आपस का रंग लहू का एक हमारा
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब रहते प्रेम से
भिन्न-भिन्न संस्कृति, भिन्न-भिन्न जीवन शैली रहती एकता ऐसा भारत देश हमारा
अपने साहस, शौर्य से हर बार लिखते जो कहानी
प्राचीर पर लहराता तिरंगा है जीत की निशानी
अमर वीर ही रखते देश की पहचान
सरहद की तुम रक्षा करते झेलते हर तूफान
ना भुला है ना भूलेगा यह जग तेरी वीरता और शान
चाँद सितारों के रहने तक यश गायेंगे ये हिन्दुस्तान
हाथ में विजय ध्वज लेकर तू खुद ही आना
हम साथ मिलकर गा सके विजय का फिर तराना
भारत माँ से प्रीति निभाकर करते जो वतन से प्यार
सरहदों पर जो वीर खड़े उनकी वजह से हम मनाते हर पर्व, त्यौहार
भगत, आजाद, सुखदेव जैसे वीर ने दी आजादी के लिए अपनी कुर्बानी
नमन उन वीर को हृदय से अश्रु पूरित श्रद्धांजलि
आओ संकल्प ले यह देश अखंड हमारा
रहे देश में एकता, प्रेम और भाई चारा ऐसा भारत देश हमारा
बढ़ता रहे देश का गौरव, वीर का अपना मान
मिले सम्मान सदा ही अमर शहीद जवान को जो करे रक्षा हमारी,
ऐसे वीर को शत शत नमन, अमन सुख शांति ऐसा भारत देश हमारा
