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Jyoti Deshmukh

Fantasy

4  

Jyoti Deshmukh

Fantasy

week - 41 स्कूल लाइफ

week - 41 स्कूल लाइफ

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408


वो गुजरे जमाने याद आते है वो प्यारे स्कूल के दिन याद आते हैं 

वो मीठी प्यारी यादें दिल के एक कोने में सहेजे रखे जाते है 


वो माँ का सुबह स्कूल के लिए टिफिन बनाना, ग्लास का दूध हमें पीने देना याद आते है 

वो यूनीफॉर्म पहन, पानी की बोतल साथ लिए हाथों में बैग लिए

और सुबह स्कूल जाने के समय माता-पिता के चरण स्पर्श कर स्कूल जाना वो संस्कार याद आते है 


कभी प्रार्थना में देर से पहुंचना और सर की डांट खाना

और शिक्षक पूछे तो होमवर्क कर लाए तो नोटबुक घर भूल आए का बहाना बनाना 

वो शिक्षक का पढ़ ना कभी क्लास में सो जाना देख हमें शिक्षक का चौक फेंक मार ना, दंड में मुर्गा बनाना 


वो शरारतें, वो नादानी, दोस्तों संग हंसी मज़ाक वो दिन पुराने याद आते है 


स्कूल का आखिर पी रेड होता खेल कूद का जैसे वॉलीबॉल, क्रिकेट, टेनिस,

हैंडबॉल सभी खेल बहुत अच्छे इनसे होता शारीरिक विकास दूर होता मानसिक तनाव&

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लाइब्रेरी में पढ़ते किताब मिलता छात्रों को ज्ञान एक उज्ज्वल भविष्य बनता

छात्रों का होता सर्वागीण विकास ऐसे देश के स्कूल देश हित करते कर्म याद आते है


वो दोस्तों संग टिफिन शेयर कर खाना, वो पराठे आचार,

जिसमें माँ की ममता झलक आए वो स्वाद भरा खाना याद आते है 


वो घंटी बजते ही बैग पैक करना घर जाने के लिए साइकिल उठाना 

घर पहुँचने की जल्दी करना 

वो विद्यालय का अनुशासन, तन मन की स्फूर्ति के लिए योगा करना,

एक सभ्य संस्कार सहित नागरिक बन देश हित उसकी प्रगति में सहयोग देना 

एक छात्र के जीवन को जो निखारे वो स्कूल याद आते है 


वो प्यारे स्कूल के दिन वापस नहीं आते, वो कीमती दिन भुलाए नहीं जाते

वो यारों की तस्वीरें मीठी यादें याद कर अश्क आँखों से बह जाते 


ना कोई काम का बोझ ना कोई फिक्र, वो मन मनमौजी प्यारे दिन याद आते है

वो स्कूल लाइफ आज भी याद आते है 



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