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Jyotiramai Pant

Fantasy

3  

Jyotiramai Pant

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बसंत

बसंत

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अब के वसंत आना

खुशियां देकर जाना

वन उपवन फूल खिले

आना उन गलियों भी

पथ कंटक धूल भरे 

प्यास भूख भर बस्ती

सुख जिनका अनजाना

अब के वसंत आना


बच्चों की आंखों में स्वप्न बसे है

कितने रंग भर जाएं

सच में उनकी झोली भर दें

गाएं सुखद तराना

अब के वसंत आना


वे भविष्य की आशा

बोलें मीठी भाषा

फूलों तितली रंग से जीना

सबके संग से गुण अपने भर जाना

अब के वसंत आना



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