वो बिंदास लड़कियाँ
वो बिंदास लड़कियाँ
बिंदास होकर हँसती हुई लड़कियाँ,
सबको बिलकुल अच्छी नहीं लगतीं !
लोग इनका हँसना सह नहीं पाते हैं,
और उसे जज करने लग जाते हैं !
लोगों की सोच के कपाट को बंद हैं,
तभी स्त्रियों की प्रगति की गति मंद है !
मनुष्य बनने के क्रम में जो पाषाण बने,
उनके लिए सक्षम स्त्रियां असामान्य लगें !
एक दिन विरासत में वर्जनाएं तोड़ देंगी,
वास्तविक समाज से खुद को जोड़ लेंगी !
