बारिश के वो पल
बारिश के वो पल


याद आते हैं वो पल
वो बारिश वो बीते हुए कल
जैसे लगता है अभी गुजरा है
लेकिन बीते तो अरसा हो चुका है।
वो बारिश की सुबह में
स्कूल यूनिफ़ार्म पहनके
बारिश के रुकने का इंतज़ार करना
याद आते हैं वो पल, याद आते है वो पल।
फिर वो छुट्टी की खबर सुन के
शब्दो में मुश्किल था ब्याँ करना
वो कागज़ की नाव वो खुशी वो हलचल
याद आते हैं वो पल, याद आते है वो पल।
ना जाने कहाँ छूट गई वो जिंदगी
खुशियों से भरी रहती थी वो महफिल
लगता है जैसे कोई हो पुरानी गज़ल
याद आते हैं वो पल, याद आते हैं वो पल।
छत से खेतों मे धान की बुआई देखना
पानी से भरी लबालब सड़को के छिपे गड्ढों में
नौसिखियों को साइकिल से गिरते देखना
बदले में इंद्रधनुष का इंतज़ार करना।
भाग-दौड़ व्यस्त जीवन में
याद करते हैं आज बारिश के मौसम में
वो बचपन वो नटखट खेल वो चहल-पहल
याद आते हैं वो पल, याद आते हैं वो पल।