राम तेरे राज्य में!
राम तेरे राज्य में!
मरता है कोई तो मरने दो
रोता है कोई तो बिलखने दो
बहती है लाशें तो बहने दो
सड़ती हैं इंसानियत तो सड़ने दो
न मिलता आक्सीजन तो आक्सीजन को जाने दो
अस्पतालें दुकान बन गई तो बनने दो
वैक्सीन नहीं मिलती तो न मिलने दो
जांने सस्ती हैं यहां जाती है तो जानें दो
मासूम अनाथ हो रहे तो अनाथ होने दो
रोजगार रोटी सब गई तो जानें दो
मंहगाई बढ़ती है तो बढ़ने दो
अपना नेता महान है इस भ्रम को जिंदा रहने दो
शमशान में जमीन नहीं
रोते को मुस्कान नहीं
भूखे को रोटी नसीब नहीं
सिस्टम को किसी की परवाह नहीं
यहां शिकायत करना आसान नहीं
यहां सच बोलना और लिखना आसान नहीं
शिकायत में उठते सिर क़लम होते हैं
राम तेरे राज्य में क्या ऐसे ही अच्छे दिन होते हैं !
