STORYMIRROR

sarika k Aiwale

Romance Classics Inspirational

4  

sarika k Aiwale

Romance Classics Inspirational

फिरसे बहार अयेगी

फिरसे बहार अयेगी

1 min
189


फिर से बहार आयेगी 

फिजाये प्यार में घायल होंगी 

फिरसे मौसम होगा रंगीन 

पेड की शाखाओं पे 

खिलेगी मोहब्बत फिर से 


हवाओं मेंं महक होंगी 

हर डाली पे नये फुल 

हर पत्ते नये होंगे जरूर

खिलेगी मोहब्बत फिरसे 

ग्रिष्म कि तपती धूप से 


धरा हो रही प्यासी देख

सुरज की गरमी घायल 

हर वो जान भिगेगी देख 

फागुन का महीना हैं आया

होली की रंग चढेगा जरूर 


कृष्ण के संग हर राधा भी 

प्रेम रस मेंं नहायेगी 

चढी हैं धूप कुछ ज्यादा सी 

मानो कहर बरसायेगी अभी&n

bsp;

बरसेगा प्यार नीले का भी 

बहरेंगा फिरसे यह चमन भी


बहारे फिरसे बहरेंगी..

इश्क इबादत प्यार मोहब्बत 

दौर युही फिरसे छायेगा..

होंगे तुम भी तो इनके साथ 

करोगे उन पल को याद जरूर

बारिशे होंगी, प्यार का आलम भी 


निगाहो मेंं यादों के पल भी

साथ होंगे पर सभी तुम्हारे 

बस हम ही नहीं होंगे,

बस हम ही नहीं होंगे..


बेशक फिजाये गुजेंगी

हवाएँ रूख बदलेगी 

बरसाते प्यार से भी प्यारी होगी 

हम फिर से तेरे यादों के संग 

बहार फिर से आयेगी 

बस हम ही नहीं होंगे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance